Priyanka Verma

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता - हत्या..

                         हत्या...


इस भागती दौड़ती जिंदगी ने,
हत्या कर दी, भोलेपन की,
जहां देखो बस चालाकी, और छलावा है,
बढ़ते तनाव ने, हत्या कर दी मासूमियत की,

इस आधुनिकता की मोह माया से,
क्या बच्चे, क्या बड़े बुजुर्ग, कोई बच ना पाया है,

लालच, धोखा और कपट,


इसने सबको जंजाल में फंसाया है,

करके इंसानियत की हत्या,
ये इंसान मुस्कुराया है,
पर प्रकृति के प्रकोप से
क्या ये कभी बच पाया है?

प्रियंका वर्मा

7/5/22

   29
15 Comments

Punam verma

09-May-2022 09:09 PM

Nice

Reply

Shnaya

09-May-2022 06:21 PM

Nice 👍🏼

Reply

Reyaan

09-May-2022 04:55 PM

Very nice 👍🏼

Reply